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विलोम शब्द किसे कहते हैं

आज के इस लेख में हम जानेंगे कि विलोम शब्द किसे कहते हैं, विलोम शब्द बनाने के नियम क्या हैं. इन बातों के बारें में जानने के प्रयास करेंगे तो आइए जाने विलोम शब्द किसे कहते हैं। विलोम शब्द किसे कहते हैं विलोम शब्द - विलोम शब्द का मतलब होता है उल्टा यानी जिन शब्दों से किसी शब्द का उल्टा या विपरीत अर्थ निकले तो उन शब्दो को विलोम शब्द कहवे हैं. अथार्त एक – दूसरे  शब्द में कहे तो किसी शब्द का  विपरीत या उल्टा अर्थ देने वाले शब्दों को विलोम शब्द कहे जाते हैं. इन्हें विपरीतार्थक शब्द भी कहते हैं. जैसे - काका - काकी, नाना - नानी, दादा - दादी , चाचा - चाची, रात - दिन, छोटा - बड़ा  आदि शब्द विलोम शब्द के उदाहरण हैं. विलोम शब्द बनाने के नियम 1. लिंग परिवर्तन से -  जैसे- माता - पिता, राजा - रानी , वर - वधू  , गाय - बैल , शेर - शेरनी, पति - पत्नी आदि शब्द 2. अलग जाति के शब्दों से - जैसे- अधिकतम-न्यूनतम , अनुराग-विराग  , आगे-पीछे , सच - झूठ,  अधम-उत्तम , कडवा-मीठा , आजाद-गुलाम आदि। 3. उपसर्ग से - जैसे- मान - अपमान, अन्धकार - प्रकाश, अल्पायु - दीर्घायु, आस्था - अनास्था , अस्वस्थ - स्वस्थ , ईश्वर - अनीश्

लिंग ( Gender ) क्या है और इसके कितने भेद हैं

दोस्तो आज का नया विषय हम लेकर आ गए हैं. आज हम लिंग अर्थात Gender के टॉपिक पर चर्चा करेंगे कि लिंग क्या है और इसके कितने भेद है इन बातों पर चर्चा करेंगे. तो देर किस बात की आइए जाने लिंग ( Gender ) क्या है. लिंग ( Gender ) क्या है लिंग ( Gender ) -  जिन शब्दों से किसी व्यक्ति या वस्तु के स्त्री या पुरुष होने का बोध हो उन शब्दों को लिंग या Gender कहते हैं. अथवा संज्ञा के जिस रूप से किसी वस्तु या व्यक्ति के स्त्री या पुरुष होने का ज्ञान हो उसे लिंग ( Gender ) कहते हैं. आइए एक उदाहरण से समझते हैं. उदाहरण -  1. अंजनी खाना बना रहा है. 2. शीला बर्तन माज रही है. 3. प्रतीक गाना गा रहा है. इन वाक्यो में अंजनी, शीला, प्रतीक किसी व्यक्ति का नाम है और आप समझ ही गए होंगे कि शीला किसी स्त्री का नाम है और प्रतीक किसी पुरुष का नाम है किंतु क्या अंजनी की तरह शीला भी किसी पुरुष का नाम हो सकता है और प्रतीक किसी स्त्री का नाम हो सकता है तब हम इनकी पहचान कैसे करेंगे ?  आइए जाने कि अंजनी खाना बना रहा है इस वाक्य में "रहा" शब्द इस बात की पुष्टि करता है कि वह एक पुरुष है और इसी को लिंग अर्थात Gender क

प्रविशेषण किसे कहते हैं, और ये कितने प्रकार के होते हैं

इस लेख में आज हम प्रविशेषण पर चर्चा करेंगे. प्रविशेषण किसे कहते हैं. ये कितने प्रकार के होते है उनका उदाहरण सहित परिचय देखेंगे तो आइए इस लेख की शुरुआत करते हैं. प्रविशेषण किसे कहते हैं प्रविशेषण -  ऐसे शब्द जो संज्ञा व सर्वनाम की विशेषता बताने वाले विशेषण की भी विशेषता बताते हों वे शब्द प्रविशेषण कहलाते हैं. आइए इनको एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं उदाहरण - राकेश बहुत चालाक है. इस वाक्य में "चालाक" शब्द  संज्ञा यानी राकेश की विशेषता बता रहा है कि वह चालाक है यहाँ पर "चालाक" शब्द एक विशेषण है. और वहीं "बहुत" शब्द लगा देने से वह विशेषण की भी विशेषता बता रहा है यहाँ "बहुत" शब्द प्रविशेषण है.   प्रविशेषण किसे कहते हैं यह जानने के बाद अब बात आती है ये कितने प्रकार के होते है तो आइए जाने की ये कितने प्रकार कर है. प्रविशेषण के प्रकार ये दो प्रकार के होते हैं. 1. मूलतः प्रविशेषण 2. प्रयोगतः प्रविशेषण आइए अब इन प्रकारों को एक एक करके समझने का प्रयास करते हैं. मूलतः प्रविशेषण - ऐसे शब्द जो प्रविशेषण में विशेषणवत् प्रयुक्त न होते हुए, वे किसी विशेषण के पूर

एकपादासन क्या है इसे कैसे करते हैं और इसे करने के क्या फायदे है

इस लेख में हम जानेंगे कि एकपादासन क्या है और कैसे करते हैं.और इसे करने के क्या फायदे हैं ऐसे कई आसन हैं जिसे करने से हमे लाभ प्राप्त होता है तो वही दूसरी तरफ हमे हानि भी हो सकती हम आज इससे होने वाली फायदों पर चर्चा करेंगे आइए जाने एकपादासन क्या है. एकपादासन क्या है एकपादासन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है  एकपद + आसन जिसका अर्थ होता है एक पैरों पर खड़ा होने वाला आसन इसमे हम एक पैरों पर खड़े होकर इस आसन को करते है. इस आसन को करने से हमारे शरीर को बहुत फायदे होते है इसलिए इस आसन को एकपादासन कहते हैं. हमने अभी तक जाना कि एकपादासन क्या होता है. अब हम आगे के लेख में जानेंगे कि एकपादासन कैसे किया जाता है इसे करने की क्या विधियां है. आइए जाने इसे कैसे करते हैं. एकपादासन करने की विधि क्या है विधि - सीधा खड़ा होकर, रेचक करके सांस बाहर निकालें. उसके पश्चात एक पैर को घुटने से मोड़ कर दूसरे पैर के जंघामूल में रखें और कुंभक कायम रखते हुए, अंगूठों के पास वाली अंगुली को अंगूठे के मूल में लगाकर दोनों हाथों को सामने बिल्कुल सीधा रखें। दृष्टि बिल्कुल सीधी रखें. पैर बदलते समय पूरक व रेचक गहराई से किया करें.

त्रिकोणासन क्या है और कैसे करे इसे करने के क्या फायदे है

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इस लेख के हम जानेंगे कि त्रिकोणासन क्या है और कैसे करते है त्रिकोणासन करने से क्या फायदे होते हैं इन बातों पर चर्चा करेंगे. तो आइए जाने त्रिकोण आसन किसे कहते है. त्रिकोणासन दो शब्दों से मिलकर बना है त्रिकोण + आसन इसका अर्थ है त्रिकोण की तरह बैठना होता है. इस आसन को करते समय शरीर की अवस्था त्रिकोण के समान हो जाती है अतः इसीलिए इस आसन को त्रिकोण आसन कहा जाता है.  त्रिकोणासन कैसे करें दोनों पैर लगभग 2 फुट की दूरी तक फैला कर सावधान की स्थिति में खड़े हो इसके पश्चात एक पैर बगल की ओर मोड़ें और इतना मोड़ें कि वह समकोण की स्थिति में हो जाए. उसके बाद रेचक करके जो पैर मोड़ा हो उसी और के हाथ से उस पैर को स्पर्श करें तथा दूसरा हाथ सिर की ओर खींचकर ऐसे लगाएं जिससे वह उस ओर के कान को स्पर्श कर सकें. इसी प्रकार दूसरे पैर को मोड़कर दूसरी ओर भी करें. इस आसन को सावधानी  पूर्वक करें. इस आसन को करते समय शरीर में स्थिरता नहीं आनी चाहिए. आसन को धीरे धीरे धीरे धैर्यपूर्वक करना चाहिए. आसन करते समय शरीर के अंगों को मोड़ते समय सावधानी रखें और मेरुदंड सीधा रखें. एक तरफ कर लेने पर जब सीधे खड़े हो जाएं तब पूरक करें.

विशेषण किसे कहते है, ये कितने प्रकार के होते हैं

 विशेषण विशेषण -   विशेषण उन शब्दो को कहा जाता है जो संज्ञा और सर्वनाम की विशेषताएं बताते हो उसे विशेषण कहा जाता है. यहाँ पर संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताई जाती है इसे हम एक उदाहरण के माध्यम से समझने का प्रयास करेंगे. जैसे- राजू बहुत मोटा है. श्याम बहुत गोरा है. राम बहुत छोटा है. यहाँ पर इन सभी वाक्यो में संज्ञा की विशेषता बताई जा रही है जैसे - राजू बहुत मोटा है. हम जानते हैं कि राजू एक व्यक्ति का नाम है इसलिए ये एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है और यहाँ मोटा शब्द उसकी विशेषता बता रहा है कि राजू बहुत मोटा है. अन्य उदाहरण में गोरा, छोटा शब्द संज्ञा यानी श्याम और राम  की विशेषता बता रहे हैं. अभी तक हमने जाना की विशेषण किसे कहते है और उसे उदाहरण के माध्यम से समझने का प्रयास किया, अब हम जानेंगे की विशेषण कितने प्रकार के होते है -  विशेषण के प्रकार विशेषण आठ प्रकार के होते है जो कि इस प्रकार से है. गुणवाचक विशेषण संख्यावाचक विशेषण परिणामवाचक विशेषण सार्वनामिक विशेषण  व्यक्तिवाचक विशेषण  प्रश्नवाचक विशेषण  तुलनबोधक विशेषण  सम्बन्धवाचक विशेषण अगले लेख में हम जानेंगे विशेषण के प्रकरो का उदाहरण सहि

पुस्तकालय किस प्रकार का समास है

इस लेख में हम जानेंगे कि पुस्तकालय किस प्रकार का समास है और उसका विग्रह करंगे तो आइए जाने कि पुस्तकालय किस प्रकार का समास है. पुस्तकालय -   यह तत्पुरुष समास हैं । आइए इसका विग्रह करके देखते हैं। पुस्तकालय -   पुस्तको के लिए आलय पुस्तकालय  -  पुस्तकों के लिए आलय ( तत्पुरुष समास ) आज हम जानेंगे परीक्षाओं में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नों पर चर्चा करेंगे। कि यह किस प्रकार का समास है, और उसका अर्थ क्या है इस पर चर्चा करेंगे. तो आइए जाने परीक्षाओं में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न समास - विग्रह और यह किस प्रकार का है  राम-कृष्ण - राम और कृष्ण ( द्वन्द्व समास ) पुस्तकालय -  पुस्तक के लिए आलय ( तत्पुरुष समास ) आजीवन – जीवन भर ( अव्ययीभाव समास  ) देशवासी - देश का वासी ( तत्पुरुष समास ) ध्यानमग्न - ध्यान में मग्न  ( तत्पुरुष समास ) गिरिधर -  गोवर्धन पर्वत को उठाने वाला ( बहुब्रीहि समास )   परमेश्वर -   परम है जो ईश्वर( कर्मधारय समास ) विद्याप्रवीण – विद्या में प्रवीण  ( तत्पुरुष समास ) पुरुषसिंह – पुरुषों में सिंह  ( तत्पुरुष समास ) प्रतिदिन – प्रत्येक दिन ( अव्ययीभाव समास  ) पु