प्रविशेषण किसे कहते हैं, और ये कितने प्रकार के होते हैं

इस लेख में आज हम प्रविशेषण पर चर्चा करेंगे. प्रविशेषण किसे कहते हैं. ये कितने प्रकार के होते है उनका उदाहरण सहित परिचय देखेंगे तो आइए इस लेख की शुरुआत करते हैं.


प्रविशेषण किसे कहते हैं

प्रविशेषण - ऐसे शब्द जो संज्ञा व सर्वनाम की विशेषता बताने वाले विशेषण की भी विशेषता बताते हों वे शब्द प्रविशेषण कहलाते हैं.

आइए इनको एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं

उदाहरण - राकेश बहुत चालाक है. इस वाक्य में "चालाक" शब्द 

संज्ञा यानी राकेश की विशेषता बता रहा है कि वह चालाक है यहाँ पर "चालाक" शब्द एक विशेषण है. और वहीं "बहुत" शब्द लगा देने से वह विशेषण की भी विशेषता बता रहा है यहाँ "बहुत" शब्द प्रविशेषण है.

 

प्रविशेषण किसे कहते हैं यह जानने के बाद अब बात आती है ये कितने प्रकार के होते है तो आइए जाने की ये कितने प्रकार कर है.

प्रविशेषण के प्रकार

ये दो प्रकार के होते हैं.

1. मूलतः प्रविशेषण

2. प्रयोगतः प्रविशेषण

आइए अब इन प्रकारों को एक एक करके समझने का प्रयास करते हैं.

मूलतः प्रविशेषण - ऐसे शब्द जो प्रविशेषण में विशेषणवत् प्रयुक्त न होते हुए, वे किसी विशेषण के पूर्व ही आते हैं उन्हें मूलतः प्रविशेषण कहते हैं.


उदाहरण - बिलकुल, सुर्ख आदि

इसका प्रयोग इस प्रकार होता है - बिलकुल खराब, सुर्ख लाल


प्रयोगतः प्रविशेषण -  वे प्रविशेषण जो मूलतः विशेषण के साथ- साथ अन्य विशेषणों के साथ प्रविशेषणवत् में भी आते हैं, उन्हें प्रयोगतः प्रविशेषण कहते हैं.

उदाहरण -  अति, बहुत, बड़ा आदि

 इनका प्रयोग इस प्रकार होता है -  अति ज्यादा, बहुत खूबसूरत, बड़ा जोरदार

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