आलोक धन्वा जी का जीवन परिचय

जीवन परिचय

जीवन परिचय - आलोक धन्वा समकालीन हिंदी कविता के एक प्रसिद्ध कवि हैं। इनका जन्म 1948 ई०में बिहार के मुंगेर जनपद में हुआ । समाजवादी चेतना से जुड़ा हुआ होने के कारण वे सातवें तथा आठवें दशकों में जन-आंदोलनों से जुड़े रहे । अपनी साहित्यिक सेवाओं के लिए उन्हें राहुल सम्मान से सम्मानित किया गया। और बिहार के राष्ट्र भाषा परिषद का साहित्य समम्मान , बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान भी इनको प्राप्त हुआ।

रचनाएं

रचनाएं - इनकी प्रमुख रचनाओं का विवरण इस प्रकार से हैं  -
 दुनिया रोज बनती है। , पानी,  ब्रूनो की बेटियाँ,  मैटिनी शो, पहली फ़िल्म की रोशनी, क़ीमत, आसमान जैसी हवाएँ, रेल, जंक्शन, शरद की रातें, रास्ते, सूर्यास्त के आसमान, जनता का आदमी, भागी हुई लड़किया, गोली दागो पोस्टर आदि उनकी बहुत से रचनाएं हैं जो की बहुत लोकप्रिय हुई ।

विशेषताएं

विशेषताएं - आलोक धन्वा जी जाने माने कवियों में से एक हैं। इनकी कुछ काव्य रचनाओं में समाज का यथार्थ वर्णन देखा जा सकता है परंतु राष्ट्रीय चेतना इनको प्रमुख प्रवृति हैं। वे भारतीय संस्कृति तथा समाज अनूठा चित्र प्रस्तुत करते हैं। इनके साहित्य में देश के प्रति गौरव की भावना झलकती है। यही नही इन्हें मनोविज्ञान का भी कवि कहा जाता है। इनके द्वारा लिखी पतंग कविता से यह बात स्पष्ट हो जाती है।

भाषा शैली

भाषा शैली -  आलोक धन्वा ने अपने साहित्य में साहित्यिक खड़ी बोली का प्रयोग किया है।
व प्रायः संस्कृत के तत्सम, तद्भव तथा सामान्य बोलचाल के शब्दों तथा ऊर्दू भाषा का प्रयोग करते हैं। इन्होंने अलंकारों का स्वाभाविक प्रयोग किया है। आलोक धन्वा जी प्रसाद गुण के साथ-साथ माधुर्य गुण का प्रयोग देखा जा सकता है।

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